ब्रह्माण्ड या विश्व का प्रथम प्रतिरूप पुरुष कहलाता है।
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ब्रह्माण्ड या विश्व का प्रथम प्रतिरूप पुरुष कहलाता है।
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केल्विन के प्रथम प्रतिरूप में समाधेय (छोटी बड़ी की जाने योग्य) लंबाई के आठ क्रैंकों (Cranks) के सिरों के अक्षों पर भ्रमणशील आठ घिरनियाँ रहती है, जिनसे आठ त्रिकोणमितीय अवयवों का जनन होता है।
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और हिन्दू मान्यता अनुसार ' हम ' सब शक्ति रूप में कलियुग के पात्र हैं, भूत के, भूतनाथ का इतिहास दर्शाते मोहरे, उलटी चलती फिल्म की रील के परदे पर चित्र देखते समान, असत्य, राज ठाकरे हो या चिपलूनकर हो या ' राजा ' मन मोहन (सूर्य का शायद प्रथम प्रतिरूप, जब उत्पत्ति आरम्भ ही हुई थी?)...